पमरे ने वर्ष भर में कुल 8141 कोचों/वैगनों का पीओएच किया।

पश्चिम मध्य रेल के अनुरक्षण डिपों में बीते वित्तीय वर्ष में निर्धारित लक्ष्य को पार करते हुए सर्वाधिक कोचों/वैगनों का अनुरक्षण करके बेहतर प्रदर्शन किया गया है। पश्चिम मध्य रेल ने अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक यानी साल भर में कुल 8141 कोचों/वैगनों का पिरियोडीक ओवर हॉलिंग (आउटटर्न) किया, जबकि अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक कुल 7597 कोचों/वैगनों का पिरियोडीक ओवर हॉलिंग किया था, जो कि लगभग 07 प्रतिशत अधिक है। जिसमें सवारी डिब्बा पुर्ननिर्माण कारखाना भोपाल ने 1380 कोचों का अनुरक्षण किया तथा कोटा वर्कशॉप ने 6761 वैगनों की मरम्मत की है।

अकेले मार्च माह 2024 की बात करें तो सीआरडब्लूएस/भोपाल एवं डब्लूआरएस/कोटा दोनों कारखानों में कुल 668 कोचों/वैगनों का पीरियोडिक ओवर हॉलिंग किया, जिसमें सवारी डिब्बा पुर्ननिर्माण कारखाना भोपाल ने 117 कोचों का अनुरक्षण किया तथा कोटा वर्कशॉप ने 551 वैगनों की मरम्मत की है।

उल्लेखनीय है कि सीआरडब्लूएस भोपाल कोचों का तथा डब्ल्यूआरएस कोटा वैगनों का पीओएच करती है। जहाँ पर कोचों का पीओएच 12 से 18 महीनों में एक बार किया जाता है, तथा वैगनों का पीओएच (पिरियोडीक ओवर हॉलिंग) 04/06 वर्ष में एक बार किया जाता है।

पिरियोडिक ओवर हॉलिंग (पीओएच) के दौरान निम्न कार्य किये जाते हैं :-

  • कोच और वैगन के बॉडी और अंडर गियर की मरम्मत की जाती है, जिससे परिचालन में सरंक्षा सुनिश्चित की जा सके।
  • कोचों और वैगनों के नीचे ट्रॉली, बोगी के सभी पार्ट्स की मरम्मत की जाती है, जो सरंक्षा की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है।
  • एयर ब्रेक सिस्टम के सभी पार्ट एवं वैगनों और कोचों के दोनों ओर के बफ़र की मरम्मत की जाती है जिससे सरंक्षा में बढ़ोत्तरी एवं जर्क फ्री राइडिंग का अनुभव होता है।
  • व्हील और एक्सल की मरम्मत एवं रखरखाव किया जाता है, जिससे सुरक्षा में इजाफा होता है।

Source - WCR